Bengal SSC Scam: कलकत्ता हाई कोर्ट ने शुक्रवार (10 फरवरी, 2023) एक महत्वपूर्ण फैसले में पश्चिम बंगाल सरकार को बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने पश्चिम बंगाल माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (डब्ल्यूबीबीएसई) को ग्रुप डी के उन 1,911 कर्मचारियों की नियुक्ति रद्द करने का निर्देश दिया, जिन्हें उनके भर्ती परीक्षा परिणामों में हेरफेर के बाद राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित और सहायता प्राप्त स्कूलों में अवैध रूप से नियुक्ति दी गई थी। कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति अभिजीत गांगुली को यह फैसला सुनाते हुए 10 मिनट से भी कम समय लगा।
2520 नियुक्तियां रद्द
उच्च न्यायालय द्वारा शुक्रवार को नियुक्तियों को रद्द करना बहुत बड़ा फैसला है। राज्य एसएससी भर्ती घोटाले में कानूनी याचिकाओं के मद्देनजर ग्रुप-डी भर्ती में रद्द करने की कुल संख्या 2,520 हो गई है। कोर्ट ने पिछले साल नवंबर में 609 नियुक्तियों को रद्द कर दिया था।
राज्य एसएससी ने एक हलफनामे में कबूल किया कि ग्रुप डी के उम्मीदवारों की 2,823 ओएमआर (Optical Mark Recognition) शीट्स के साथ छेड़छाड़ की गई थी, ताकि उन्हें अनुचित लाभ मिल सके। हलफनामे में कहा गया है कि उनमें से 1,911 उम्मीदवार, जो वर्तमान में चपरासी, मैट्रन और प्रयोगशाला अटेंडेंट के रूप में कार्यरत हैं। उनको आयोग की सिफारिशों के आधार पर राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा नियुक्ति पत्र जारी किए गए थे।
कोर्ट ने सीबीआई से कहा, ‘जरूरत हो तो नौकरी गंवाने वाले लोगों से करे पूछताछ’
कलकत्ता हाई कोर्ट ने सीबीआई को यह भी निर्देश दिया कि यदि आवश्यक हो तो सभी नौकरी गंवाने वालों से हिरासत लेकर में पूछताछ की जाए, ताकि नए भ्रष्टाचार नेटवर्क का पता लगाया जा सके। कोर्ट ने यह भी कहा कि नौकरी गंवाने वालों को सेवा अवधि के दौरान लिए गए वेतन को किश्तों में वापस करें और उन्हें तत्काल प्रभाव से अपने संबंधित स्कूल परिसर में प्रवेश करने से रोका जाए।
जज ने टिप्पणी करते हुए कहा कि अदालत की अनुमति के बिना, इन उम्मीदवारों को देश भर में सरकारी नौकरियों के लिए परीक्षा में शामिल होने से रोक दिया जाएगा और ऐसी नौकरियों के लिए उनकी अनिवार्य पुलिस सत्यापन प्रक्रिया निलंबित रहेगी।
‘आयोग तुरंत योग्य उम्मीदवारों की भर्ती प्रक्रिया शुरू करे’
कोर्ट ने आगे आयोग को निर्देश दिया कि वह योग्य उम्मीदवारों के साथ खाली रिक्तियों को भरने की प्रक्रिया तुरंत शुरू करे। न्यायाधीश ने कहा कि यह अगले 24 घंटों के भीतर उनके नामों को प्रकाशित करने से शुरू होना चाहिए और 6 मार्च तक आयोग द्वारा उनके नामों की सिफारिशें भेजने के साथ समाप्त होना चाहिए। अदालत ने एसएससी को यह सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया कि ओएमआर हेरफेर के माध्यम से प्रकाशित पैनल में जगह पाने वाले प्रतीक्षा सूची वाले उम्मीदवारों को हटा दिया जाए।
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